मेरठ में वायु प्रदूषण कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. शहर में एक्यूआई 300 दर्ज किया गया है. मेरठ जिले को यूपी के 16 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में शामिल कर लिया गया है.
शहर का वायु प्रदूषण में उतार-चढ़ाव बना हुआ है, स्थिति चिंताजनक है. शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 पहुंच गया है. मेरठ जिले को यूपी के 16 सबसे प्रदूषित शहर में जोड़ लिया गया है. वायु प्रदूषण घटाने के लिए किये जा रहे प्रयास विफल रहे हैं. सड़कों पर किया जा रहा छिड़काव भी प्रदुषण को रोक नहीं पा रहा है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लगातार छापेमारी कर रही है.
कुछ जगह पर ही मानकों का पालन न करने के मामले सामने आए हैं. ऐसे में सवाल यह है कि जब सब कुछ सही है तब वायु प्रदूषण कम क्यों नहीं हो रहा है. सुबह के समय भी वातावरण में पूरी धुंध छायी रहती है. जिससे सुबह सैर के लिए निकल रहे लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इससे वाहनों से भी दुर्घटना भी घाट सकता है.
आंखों में जलन की शिकायत
बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से सांस के मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वहीं आंखों में जलन व एलर्जी की शिकायत भी सामने आई है. फिजीशियन डॉक्टर दिनेश कुमार ने बताया कि प्रदूषण बढ़ने से एलर्जी से संबंधित बीमारी भी बढ़ने लगती है. जिन लोगों को डस्ट से एलर्जी है, उन्हें सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस समय जो स्थिति है उसकी वजह से आंखों में जलन की शिकायत भी देखने को मिली है.
रात में हुई छापेमारी
क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी डॉ. योगेंद्र कुमार ने कहा कि रात में चेकिंग अभियान जारी किया है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम रात में फैक्ट्रियों पर छापेमारी कर रही हैं. जहां छुपकर प्रतिबंधित ईंधन जलाए जाने की संभावना है. वहीं रात में छापेमारी हुई है. जिले में संचालित कोल्हूओंं पर भी निगरानी है. कुछ कोल्हु संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है. प्रदूषण को कम करने के लिए सारी प्रयास किए जा रहे हैं. जानिए एयर क्वालिटी इंडेक्स के मानक 0 से 50 तक अच्छा 51 से 100 संतोषजनक, 101 से 200 मध्यम, 201 से 300 खराब, 301 से 400 बहुत खराब व 401 से 500 गंभीर स्थिति.
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